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पढ़ने के लिए घर से भागा, नीट में हासिल की सफलता अब डॉक्टर बनेगा रामलाल

पढ़ने के लिए घर से भागा, नीट में हासिल की सफलता अब डॉक्टर बनेगा रामलाल

कोटा। बाल विवाह समाज के लिए चुनौती है, जो बच्चों के सपने तोड़ देती है लेकिन यहां इरादों की मजबूती की अलग ही मिसाल पेश की है चित्तौड़गढ़ जिले के घोसुंदा निवासी एलन स्टूडेंट रामलाल भोई ने। डॉक्टर बनने की जिद ऐसी पकड़ी कि किसी भी परिस्थिति के आगे नहीं झुका और ना ही रूका। रामलाल ने 632 अंक हासिल किए हैं और कैटेगरी रैंक 5137 तथा ऑल इंडिया रैंक 12901 है। रामलाल भोई ने कोटा को एलन कोचिंग में पढ़कर नीट क्रेक की है और परिवार का पहला डॉक्टर बनने जा रहा है। चुनौतियों की बात करें तो शुरुआत बचपन से ही हो जाती है। 11 साल की अबोध उम्र में ही रामलाल का बाल विवाह हो गया। तब वह कक्षा 6 में ही था। बाल विवाह के बाद भी उसने पढ़ना नहीं छोड़ा।

समाज की पिछड़ी सोच के चलते पढ़ाई करना भी आसान नहीं था। पिता नहीं चाहते थे कि 10वीं के बाद बेटा पढ़ाई करे लेकिन बेटे की जिद थी कि आगे पढ़ाई करनी है। लोगों के बहकावे में आकर एक बार तो पिता ने रामलाल को पीटा और पढ़ाई नहीं करने की बात कही, लेकिन रामलाल के संकल्प का स्तर अलग ही था। उसने पढ़ाई जारी रखी। दोस्त के पिता ने आकर समझाया तो रामलाल के पिता ने आगे की पढ़ाई में सहयोग किया, पढ़ाई के लिए परिवार माना, फिर पढ़ाई नही करने का दबाव बनाने वाले पिता ने कर्जा लेकर पढ़ाया। जुनूनी बेटे ने खूब मेहनत की और आखिरकार पांचवें प्रयास में नीट क्रेक कर दिखाया। रामलाल राजनीति में जाकर जनसेवा करना चाहता है।

रामलाल ने कहा- मेरी शादी आज की उम्र में होती तो विरोध भी करता लेकिन, तब मुझे क्या पता था, क्या हो रहा है ? मुझे तो मजा आ रहा था। लोग नाच रहे थे, मेहमान आ-जा रहे थे, मेरी शादी हो गई। उम्र 11 साल थी और कक्षा 6 में पढ़ता था। मेरी पत्नी भी हम उम्र है। करीब छह साल पहले पत्नी ने ससुराल में आकर रहना शुरू कर दिया। वो खुद 10वीं तक पढ़ी हुई है। हमारे समाज में शिक्षा को इतना महत्व नहीं दिया जाता और ऐसे में कोई लड़की 10वीं तक पढ़ ले तो बहुत बड़ी बात मानी जाती है। वो भी 10वीं के बाद पढ़ना चाहती थी लेकिन मेरी पढ़ाई के लिए उसने खुद की पढ़ाई छोड़ दी और ससुराल की जिम्मेदारियां संभाली। मैं लगातार नीट की तैयारी में लगा हुआ था और सलेक्शन हो नहीं रहा था। इस वजह से हमारे बीच काफी झगड़े होते थे लेकिन मेरा जुनून देखकर उसने मेरा साथ दिया। नीट यूजी 2023 परीक्षा से छह महीने पहले ही उसने बेटी को जन्म दिया है।